आज हम कोरबा छत्तीसगढ़ के 10 शानदार घुमने वाली जगह के बारे में जानेंगे जहा पर आप आप घूम सकते है और आनंद से भरपूर इस समय का लाभ उठा सकते है | जहा पर आपको झरने, किले, मदिर, जंगल व डैम जैसी प्राकृतिक स्थानों पर घुमने का और आनंद से भरपूर इस पल के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा जिसे आप यादगार बना सकते है और अपने जीवन के उस पल को सुनहरा बना सकते है |
Table of Contents
राधानी मंदिर एवं बगीचा ( Radhani Mandir & Bagicha )
राधानी मंदिर एवं बगीचा छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले का एक सुंदर, ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। राधानी मंदिर अपनी प्राचीन धरोहर, प्राकृतिक खूबसूरती व आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। राधानी क्षेत्र विशेष रूप से आदिवासी समाज की धार्मिक आस्था और परंपराओं का प्रमुख केंद्र माना जाता है।
राधानी मंदिर राधा कृष्ण को समर्पित है लेकिन यहाँ के आदिवाशी इस स्थान को देवी देवताओ के पूजा स्थान के रूप में मानते है | यहाँ पर बहुत सारी प्राचीन मुर्तिया, पहाड़ो पर शिलालेख व अन्य प्राचीन चीजे देखने को मिलती है | यहाँ पर प्राकृतिक गुफाये व शैलचित्र भी यहाँ के पहाडियों में देखने को मिलते है जो मनोरंजन से भरपूर है |
मंदिर के पास हरियाली से भरपूर स्थान बगीचे जैसे जो प्रकृति व पिकनिक स्थान के केंद्र है, यहाँ कि ठंडी हवाए, बड़े पेड़ व शांत वातावरण सुकून सा अनुभव कराते है जिससे मन को एक शांति सी मिलती है | बगीचा झेत्र आदिवाशी लोगो के अनुसार पूजा स्थल के रूप में भी उपयोग होता है |
राधानी मंदिर और बगीचा न सिर्फ धार्मिक स्थान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की आदिवासी व पर्यटन वाले लोगो के लिए संस्कृति, प्राचीन चित्र, और प्राकृतिक खूबसूरती व शांत वातावरण का अनूठा संगम भी है।
गोब्रेला पर्यटन स्थल ( Gobrela Parytan Sthal )
गोब्रेला पर्यटन स्थल छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित एक शांत, धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल है। यह स्थान विशेष रूप से धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। गोब्रेला पर्यटन स्थल पर आने वाले पर्यटक प्राकृतिक दृश्य, आदिवासी संस्कृति और आध्यात्मिक वातावरण का अद्भुत संगम महसूस करते हैं।
गोब्रेला पर्यटन स्थल पर प्राचीन शिव मंदिर है इस स्थान का मुख्य केंद्र है जो स्थानीय मान्यताओ के अनुसार यह भगवान शिव का मंदिर कई वर्षो पुराना व चमत्कारी माना जाता है, सच्चे मन से मागने पर भगवान शिव जरुर पूरा करते है | महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ एक विशाल मेला लगता है| जिसमे हजारो लोग भाग लेते है और मेले का लुफ्त उठाते है |
गोब्रेला पर्यटन स्थल प्रकृति के बिच में अपना स्थान बनाये रखा है जो एक पिकनिक स्थान भी है | यहाँ वातावरण शांत व ठंडा रहता है, गोब्रेला झेत्र में आदिवाशी झेत्र भी है जहा आपको उनकी संस्कृति और उनके रीती रिवाज व त्यौहार आदि को भी देखने का मौका मिलता है |
गोब्रेला पर्यटन स्थल के साथ साथ धार्मिक आस्था, संस्कृति और प्रकृति का एक सुंदर संगम है। यह स्थल उन पर्यटकों के लिए आदर्श है जो भीड़-भाड़ से दूर शांत वातावरण में आध्यात्मिक और प्राकृतिक अनुभव लेना चाहते हैं।
केन्दई जलप्रपात ( Kendai Waterfall )
केन्दई जलप्रपात छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले कटघोरा तहसील में स्थित एक सुंदर और प्रसिद्ध जलप्रपात है। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता, शांति और घने जंगलों के बीच स्थित होने के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
केन्दई जलप्रपात मांड नदी पर बनाया गया है जो हसदेव नदी कि एक सहायक नदी है | केन्दई जलप्रपात घने जंगल, पहाड़ी इलाका और हरियाली से भरपूर स्थान है। यहाँ का वातावरण बहुत शांत और ताज़गी देने वाला होता है।
जनवरी से जुलाई के बिच मानसून के दौरान यह जलप्रपात कि सुन्दरता अपनी चरम सीमा पर होती है जो बहत ही मनमोहक लगती है | गर्मी के समय यहाँ पानी कम होता है लेकिन वातावरण ठंडा होता है |
पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए एक अच्छी जगह है, यहाँ पर आप जलप्रपात के पास चट्टानों पर बैठकर प्राकृतिक दृश्यों का आनंद ले सकते है |
त्रिलंगा माता मन्दिर ( Trilanga Mata Mandir )
त्रिलंगा माता मंदिर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक और प्राकृतिक स्थल है। यह मंदिर घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित है, जो इसे एक रहस्यमय और दिव्य वातावरण प्रदान करता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, त्रिलंगा माता एक अत्यंत शक्तिशाली देवी हैं, जिनका यह स्थान सिद्ध पीठ माना जाता है।
स्थानीय लोगो के मान्यता के अनुसार, माता त्रिलंगा तीनों लोकों की देवी हैं – यही कारण है कि उन्हें त्रिलंगा कहा जाता है। यहाँ के लोकल लोगो का मानना है कि यहाँ की देवी मनोकामना पूरी करती हैं, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे यहाँ पूजा करने आते हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि में यहाँ विशेष पूजा और भव्य मेला लगता है। इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है।
त्रिलंगा माता की मूर्ति प्राकृतिक शिला स्वरूप में विराजमान है, जिसे स्वयंभू माना जाता है। मंदिर एक छोटी गुफा में स्थित है, जिससे इसे रहस्य और आस्था का संगम कहा जा सकता है।
मंदिर के चारों ओर घना जंगल, पहाड़ियाँ और प्राकृतिक वातावरण है जो यहाँ की यात्रा को आध्यात्मिक के साथ-साथ रोमांचक भी बनाता है। मंदिर तक पहुँचने के लिए हल्की चढ़ाई और ट्रेकिंग करनी पड़ती है, जो युवाओं और रोमांच प्रेमियों के लिए रोमांचक अनुभव हो सकता है।
त्रिलंगा माता मंदिर न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है, बल्कि एक प्राकृतिक आध्यात्मिक धाम भी है जहाँ आस्था, प्रकृति और रहस्य एक साथ जुड़ते हैं। यह कोरबा जिले का कम प्रसिद्ध लेकिन अत्यंत शक्तिशाली, मनोकामना पूरी करने वाला और शांति देने वाला स्थल है। एक बार यहाँ आने के बाद मन स्वयं जुड़ जाता है।
खूंटाघाट जलाशय ( Khutaghat Dam )
खूंटाघाट जलाशय छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पास, बिलासपुर जिले में स्थित एक सुंदर और शांत जलाशय है, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य, झील और पहाड़ियों के कारण पर्यटकों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है। यह स्थान शांति, हरियाली और जलक्रीड़ा के लिए प्रसिद्ध है।
खूंटाघाट डैम एक कंक्रीट ग्रेविटी बांध है, जो पास की नदियों से जल संग्रह करता है। इसके पीछे बनी झील हरियाली और पहाड़ियों से घिरी हुई है, जो इसे अत्यंत खूबसूरत बनाती है। खूंटाघाट डैम झील में बोटिंग की सुविधा है, जो फैमिली और कपल्स के लिए आकर्षण का केंद्र है।
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय झील का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। अगर आप फोटोग्राफी के शौक़ीन है तो यह आपके लिए परफेक्ट लोकेशन है। आसपास खुले मैदान और टीलों की वजह से यह स्थान पिकनिक और वन डे आउटिंग के लिए बहुत सुन्दर जगह है। अगर आप शहर के शोरगुल से दूर शांति की तलाश में कुछ पल शान्ति और सुकून के साथ बिताना चाहते है, तो यह जगह एक बढ़िया मेडिटेशन स्पॉट भी हो सकती है।

चैतुरगढ़ किला ( Chaiturh fort )
चैतुरगढ़ किला, जिसे लाफागढ़ किला के नाम से भी जाना जाता है, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक, प्राकृतिक और धार्मिक स्थल है। यह किला राजा पृथ्वीराज चौहान के वंशजों द्वारा बनवाया गया माना जाता है।
चैतुरगढ़ किला एक ऊँची पहाड़ी पर बना है, जिसकी तीन ओर गहरी खाइयाँ और प्राकृतिक ढाल हैं, जिससे यह लड़ाई के समय में दुश्मनों से सुरक्षित रहता था। चैतुरगढ़ किला, किला आमाबारी जंगल क्षेत्र के अन्दर आता है जो चारों तरफ घने जंगल के बीच स्थित है। अगर आप जानवरों या पक्षियों के प्रति आपका लगाव है और आप इन्हें देखने कि इच्छा रकते है तो आपको यहाँ हिरण, तेंदुआ, बंदर, पक्षी, आदि देखने को मिल सकते हैं।
किले के अंदर एक प्राचीन महिषासुरमर्दिनी देवी का मंदिर स्थित है। इस देवी की मूर्ति को चट्टान से तराशा गया है, जो अत्यंत भव्य और शक्तिशाली प्रतीत होती है।
किले के अंदर 5 गुफाएं हैं जिन्हें शिव गुफा, राम गुफा आदि नामों से जाना जाता है। इनमें से एक गुफा बहुत लंबी और संकरी है, जिसे पार करने में 30–40 मिनट लगते हैं।
किले की दीवारें, दरवाजे, चौकियाँ और मंदिर छत्तीसगढ़ की समृद्ध कलचुरी वास्तुकला को दर्शाते हैं। चैतुरगढ़ किला सिर्फ एक ऐतिहासिक इमारत नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक विरासत का प्रतीक है। यह किला साहसिक यात्रियों, इतिहास प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है।
सरोधा डांड ( Sarodha Dadar Wildlife Sanctuary )
सरोधा डांड छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक खुबसूरत झील व पर्यटन स्थल है, यह शांत वातावरण, हरियाली और बोटिंग जैसी सुविधाओ के कारण स्थानीय व बाहरी पर्यटकों के बिच में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है |
सरोधा डांड एक प्राकृतिक झील है, जिसके चारो तरफ हरियाली और पहाड़िया है | यह स्थान शहर से शोरगुल से दूर एक शांत और सुकून भरा वातावरण प्रदान करता है | यह झील फोटोग्राफी और फैमिली पिकनिक के लिए बेहतरीन जगह है, पानी में सूरज कि किरणे नावे व दूर फैली हरियाली एक सुन्दर दृश्य बनाते है | सर्दियों में यहाँ प्रवाशी पक्षी भी देखने को मिलते है, पक्षी प्रेमी के लिए यह एक आदर्श स्थान है |
हसदेव बांगो डेम ( Hasdeo Bango Dam )
छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में स्थित हसदेव बांध जिसे हसदेव बांगो डेम के बारे में भी जाना जाता है | यह बांध हसदेव नदी के ऊपर बनाया गया है जो महानदी कि एक सहायक नदी है | यह बाध छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा जलाशय है जो खेती के लिए सिचाई, बिजली उत्पादन व जलपूर्ति कि महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |
हसदेव बाध १९८३ में बनकर तैयार हुआ, जिसकी लम्बाई 2.5 किलोमीटर व उचाई 85.07 मीटर है | हसदेव नदी छत्तीसगढ़ के छुरी झेत्र से निकलती है | और कोरबा व बिलासपुर से होकर निकलती है, इसकी कुल लम्बाई 333 किलोमीटर है जो महानदी कि एक सहायक नदी है |
हसदेव बाध प्रसिद्ध पर्यटक व पिकनिक स्थल है, यहाँ कि हरियाली, झील व शांत पानी पर्यटकों को अपनी ओर बहुत आकर्षित करती है, जो लोग फोटो ग्राफी के शौक़ीन है और प्रकृति से जुड़ाव रखते है यह उनके लिए उपर्युक्त स्थान है | सूर्यास्त के समय यहाँ का नजारा बहुत ही आकर्षक व झील के पास बैठकर शांति का अनुभव लिया जा सकता है |
माइन्स व्यू पॉइंट ( SECL Mines Viewpoint )
माईन्स व्यू पॉइंट कोरबा जिले एक एक अलग और रोचक पर्यटक स्थल है जहा से आप ओपन कास्ट कोल माईन्स का विशाल और जीवंत दृश्य देख सकते है | यह स्थान कोरबा के अद्धौगिक व उर्जा झेत्र कि महत्ता को दर्शाता है | अगर आप कोयला, खनन, इंजीनियरिंग, और इंडस्ट्रीयल झेत्र में रूचि रखते है तो यह स्थान आपके लिए बेहद आकर्षक साबित हो सकता है |
माईन्स व्यू पॉइंट से आप ओपन कास्ट कोल माईन्स कि गहराई, मशीनरी व खनन कार्य को आप लाइव देख व महसूस कर सकते है | यह खदाने दिन रात चलती है, यहाँ कि बड़ी बड़ी ड्रैगलाइन, मशीने, डम्फर, ट्रक और खनन कि प्रक्रिया देखने योग्य होती है |
माईन्स का विशाल दृश्य और काम कर रही भारी मशीनरी दृश्य एक अद्भुत फ्रेम प्रस्तुत करती है, यहाँ आप लैंडस्केप, डाक्यूमेंट्री, इंडस्ट्रीयल फोटोग्राफी कर सकते है | अगर आप यहाँ सुबह या शाम के समय पहुचते है तो सूरज कि रोशनी के साथ माईन्स का दृश्य बेहद प्रभावशाली लगता है | अगर आप जाने का प्लान बना रहे तो कोशिश करे कि सुबह जल्दी जाए, ताकि धुप कम हो और दृश्य साफ और सुन्दर दिखे आप उस मौके का पूरा उपयोग कर पाए |
कोसगई जल प्रपात ( Kosagai Waterfall )
कोसगई जलप्रपात छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित एक सुन्दर, शांत और कम भीड़ भाड वाला प्राकृतिक झरना है, यह स्थान घने जंगलो और पहाड़ो के बिच स्थित है | जहा का प्राकृतिक सौन्दर्य आपके मन को मोह लेता है | अगर आप प्राकृतिक प्रेमी है और आप शहर से दूर भीड़ भाद से शांति जगह चाहते है तो कोसगई जलप्रपात आपके लिए आदर्श स्थल हो सकता है |
यह झरना घने साल और सागौन के जंगल के बिच स्थित है, वर्षा ऋतू में यहाँ कि हरियाली और झरने कि आवाज एक शांत वातावरण पैदा करती है | कोसगई जलप्रपात कि उचाई 80-100 फीट मानी जाती है, बरसात के मौसम में इसका जलप्रवाह तेज हो जाता है जिससे यह और भी आकर्षक दीखता है | यहाँ का शांत वातावरण, बहता पानी, चट्टानें व पक्षियों कि आवाज आपके मन को मोह लेगी | कोसगई गाव के लोग इस जलप्रपात को प्राकृतिक देवता का वरदान मानते है, कभी कभी स्थानीय त्योहारों या पूजा के दौरान श्रद्धालु भी आते है |
कोरबा छत्तीसगढ़ केवल उधोग और खाधानो के लिए ही नहीं प्रसिध्द है बल्कि अपनी प्राकृतिक, अपनी एतिहासिक और धार्मिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है | यहाँ के झरने, वन्यजीव, किले, डेम, इसे एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाते है | जिसे देखकर मन खुश हो जाता है जो हमे प्राकृतिक से इतना करीब ले आता है जो जीवन का असली मतलब समझता है कि प्रकृति ही जीवन है |
आप कोरबा में कौन कौन सी जगह घूम चुके है कमेंट करके जरुर बताए !
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